Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
'7 चरणों का मतलब है कि 70-80 दिनों तक लगभग सभी विकास कार्य रुक जाएंगे। ऐसे में आप कल्पना कर सकते हैं कि देश कैसे प्रगति करेगा क्योंकि चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है।'
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर इलेक्शन कमीशन ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। इसके मुताबिक, 19 अप्रैल से लेकर 1 जून के बीच 7 चरणों में वोट डाले जाएंगे और 4 जून को नतीजे घोषित होंगे। आम चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कुछ सवाल उठाए हैं।
'7 चरणों का मतलब है कि 70-80 दिनों तक लगभग सभी विकास कार्य रुक जाएंगे। ऐसे में आप कल्पना कर सकते हैं कि देश कैसे प्रगति करेगा क्योंकि चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है।' उन्होंने कहा कि इस दौरान लोग घूमेंगे नहीं पाएंगे, सामानों की सप्लाई नहीं होगी और बजट खर्च नहीं पाएगा। मेरे हिसाब से ठीक नहीं है। चुनाव तीन या चार चरणों में पूरे हो सकते थे।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर चुनाव आयोग चाहे तो 10 चरणों में भी चुनाव कराए, पिछले चुनाव भी 7 चरणों में हुए थे। इससे पता चलता है कि चीजें नहीं बदली हैं, हम अभी भी 7 चरणों की प्रक्रिया पर अटके हुए हैं। उन्होंने कहा, 'हम डिजिटल इंडिया की बात करते हैं लेकिन 7 चरण की प्रक्रिया में फंसे हुए हैं। साथ ही, यह अच्छी बात होती अगर जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव की घोषणा होती तो अच्छा होता, हम सितंबर तक इंतजार क्यों कर रहे हैं?'
जम्मू-कश्मीर में चुनाव में पर आयुक्त ने क्या कहा
जम्मू-कश्मीर को लेकर चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा वहां भी हमें विधानसभा चुनाव करवाने हैं। उन्होंने कहा, '23 दिसंबर से जम्मू कश्मीर में हमारा कानूनी तौर पर चुनाव करवाने का रास्ता खुला है। जब हमने वहां प्रशासनिक बैठक की तब पता चला कि वहां चुनाव करवाने के लिए अतिरिक्त बल की आवश्यकता होगी। जब पूरे देश में एक साथ चुनाव चल रहे हैं तो उस समय में एक विशेष राज्य के लिए इतनी मात्रा में अतिरिक्त बल एकत्रित करने में थोड़ी कठिनाई आ रही थी। आकलन के बाद इतनी बड़ी मात्रा में अतिरिक्त बल एकत्र कर पाना नहीं हो पाया लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम देर लगाएंगे।'
'ताकि पीएम मोदी को अधिकतम लाभ मिले'
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग ने इस तरह से तारीख की घोषणा की है, जिससे पीएम मोदी को अधिकतम लाभ मिल सके। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पूरी चुनाव प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भाजपा को अपने स्टार प्रचारकों को देश भर में और अधिक आसानी से घूमने के लिए अधिक समय मिले।' उन्होंने कहा कि बेशक हम इस बारे में कुछ नहीं कर सकते।
लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा धन-बल: मनोज झा
लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा पर राजद सांसद मनोज कुमार झा की भी प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा, 'मुख्य चुनाव आयुक्त ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। पिछली बार की तुलना में इस बार चुनाव की अवधि जून तक बढ़ गई है। पिछले कुछ सालों में हमने चुनाव आयोग को कई शिकायतें दी थीं लेकिन कभी कोई चर्चा नहीं हुई।' उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा धन-बल है, जिसे हमने चुनावी बांड और घृणास्पद भाषण में देखा है। चुनाव आयोग को पक्षपात नहीं करना चाहिए, चाहे वह पार्टी का सामान्य कार्यकर्ता हो या प्रधानमंत्री, वरिष्ठ विपक्षी नेता या गृह मंत्री।